डॉ उदित राज के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर सैकड़ों दलित-पिछड़ों ने किया निजीकरण का विरोध निजीकरण के विरोध में उदित राज के नेत्रत्व में सड़क पर उतरे सैकड़ों प्रदर्शनकारी



दिल्ली डॉ उदित राज , राष्ट्रीय अध्यक्ष-अनुसूचित जाति/जजा/ पिछड़े के संगठनों का परिसंघ , के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर देश की संपत्ति के मुद्रीकरण के खिलाफ सैकड़ों दलित-पिछड़ों ने विरोध किया। मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने निजीकरण बंद करो, निजीकरण तो बहाना है, आरक्षण इनका निशाना है जैसे नारे लगाए । डॉ उदित राज ने कहा कि – सरकार जनता के खून पसीने से अर्जित कि गयी संपत्ति को औने पौने भाव में अपने पूंजीपति मित्रों को बेच रही है। यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।जनता कि अकूत संपत्ति जैसे रेलवे, एयरपोर्ट , भेल ,सेल , गेल, बी एस एन एल , बी पी सी एल जैसे सरकारी उपक्रम या तो बेच दिए गए हैं या तो बेचने कि तैयारिया पूरी हो गयी है।

डॉ उदित राज ने आगे कहा कि 2014 के बाद से नौकरियां खत्म की जाने लगी हैं। संघ को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि इनकी नीति दलितों-पिछड़ों को वापस मनु के राज में लाने कि है। ताकि वापस इनके गले में हडिया और कमर में झाडू लटकाया जा सके । सरकारी उपक्रमों में आरक्षण लागू होता है जिसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों- पिछडो का जीवन बदला ।जो कभी सवर्णों के सामने खाट पर नहीं बैठ सकते थे वो साहब बनकर कुर्सियों पर बैठ गए। यही बात जाति वादी मानसिकता के लोगों को खटक रही है।सीधे सीधे आरक्षण ख़त्म करेंगे तो देश में भूचाल आ जायेगा इसलिए निजीकरण का षड्यंत्र करके आरक्षण को ख़त्म किया जा रहा है। संपति के मौद्रीकरण से सवर्ण को भी नौकरी नही मिलने वाली है। बड़े पूंजीपति लाभ के लिए कारोबार चलाते हैं और कम से कम लोगों को नौकरी देंगे। आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस जैसे तकनीक का उपयोग करके पूरे देश को बेरोजगार बना देंगे। मुद्रीकरण निजीकरण का दूसरा नाम है। वर्तमान में लगभग 80 लाख सरकारों में पद खाली हैं जिनको भरने के बजाय छीना जा रहा है।

नई शिक्षा नीति बहुत खतरनाक है। दलित, पिछड़ें और गरीब के लिए पढ़ना असंभव हो जाएगा। आरक्षण शब्द नई शिक्षा के मसौदा से गायब है। वर्तमान में आधे से कम शिक्षकों से विश्व विद्यालय चल रहे हैं। आई आई एम जैसे अन्तरष्ट्रीय स्तर के संस्था की दुर्दशा से समझ सकते हैं कि सरकार चाहती नही की लोग पढ़े और देश की तरक्की हो।आई आई एम में 1286 प्रोफेसर होने चाहिए लेकिन 934 पद खाली हैं अर्थात 74 %शिक्षक नही हैं। यह केवल आई आई एम का आंकड़ा है और ऐसा ही लगभग सब जगह मिल जाएगा।

प्रतिरोध सभा को दिल्ली प्रदेश परिसंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान, नॅशनल SC/ST/OBC बैंकर्स असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष- विनोद कुमार , आल इण्डिया एयरपोर्ट ऑथोरिटी के देवी सिंह राणा , डी ओ एम परिसंघ के अंकित प्रधान, राजेन्द्र सिंह, गोपाल सिंह नेगी, संजय राज , मिशन 85 के बलराम आदि ने संवोधित किया ।